Sunday, August 19, 2012

धन्य है

वाह

सलाम है तुझे मेरे देश के वीर बहादुर

मेहनत और इस हालत में

मन भर आया

बस प्रणाम को आशीष के सिवा

मन में और कुछ न आया

जिस देश के ऐसे बच्चे होंगे

उस देश का सर सदा गर्व से ऊँचा होगा

हर इंसान के लिए मिसाल है तू

धन्य है तेरी जननी

धन्य है तू 

Wednesday, August 8, 2012

गरीब की खोली

घर

हम गरीबो को और क्या चाहिए 

बहुत है इतनी जगह जहाँ पांव फैला कर सो सकू 

महल भी तो बनना है सुबह मंत्री जी का 

अब न सोया तो काम कैसे करूँगा 

बस मंत्री जी इसे भी न तुडवा दे 

नहीं तो सड़क पर सो जाऊंगा 

नींद तो कांटो पर भी आ जाती है 

फिर ओरो को क्यों इतनी चीज़े चाहिए 

छोडो मुझे नहीं समझ आनेवाला ये सब 

गंवार हूँ गरीब हूँ 

मेहनत करके पेट भरना जनता हूँ 

और कुछ आता नहीं 

क्योकि पड़ा लिखा नहीं हूँ मै 

,माँ बाप भी तो गरीब थे  

शर्म किस बात की मेहनत करने में 

कोई चोरी थोड़ी करता हूँ 

बस ये खोली न तुडवा दे मंत्री जी 


Tuesday, August 7, 2012

गरीब की रोटी

रोटी
गरीब को रोटी चाहिए
साधन कोई हो न हो
जुगाड तो कर ही लेते हैं 
जुगाड
कमाया है पेट के किये
तो खाऊंगा भी
जगह कोई मिले न मिले
जुगाड तो कर ही लूँगा कोई
गरीब हूँ तो क्या
पेट तो मेरे पास भी है
दिल को मार सकता हूँ
पेट की सुन्नी पड़ती है मुझे