Wednesday, August 8, 2012

गरीब की खोली

घर

हम गरीबो को और क्या चाहिए 

बहुत है इतनी जगह जहाँ पांव फैला कर सो सकू 

महल भी तो बनना है सुबह मंत्री जी का 

अब न सोया तो काम कैसे करूँगा 

बस मंत्री जी इसे भी न तुडवा दे 

नहीं तो सड़क पर सो जाऊंगा 

नींद तो कांटो पर भी आ जाती है 

फिर ओरो को क्यों इतनी चीज़े चाहिए 

छोडो मुझे नहीं समझ आनेवाला ये सब 

गंवार हूँ गरीब हूँ 

मेहनत करके पेट भरना जनता हूँ 

और कुछ आता नहीं 

क्योकि पड़ा लिखा नहीं हूँ मै 

,माँ बाप भी तो गरीब थे  

शर्म किस बात की मेहनत करने में 

कोई चोरी थोड़ी करता हूँ 

बस ये खोली न तुडवा दे मंत्री जी 


2 comments:

  1. बहुत सुन्दर.
    http://madan-saxena.blogspot.in/
    http://mmsaxena.blogspot.in/
    http://madanmohansaxena.blogspot.in/
    http://mmsaxena69.blogspot.in/

    ReplyDelete