दिल का दर्पण
Tuesday, August 7, 2012
गरीब की रोटी
रोटी
गरीब को रोटी चाहिए
साधन कोई हो न हो
जुगाड तो कर ही लेते हैं
जुगाड
कमाया है पेट के किये
तो खाऊंगा भी
जगह कोई मिले न मिले
जुगाड तो कर ही लूँगा कोई
गरीब हूँ तो क्या
पेट तो मेरे पास भी है
दिल को मार सकता हूँ
पेट की सुन्नी पड़ती है मुझे
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment